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पुराण Purans एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "प्राचीन" या "पुराना।" यह हिंदू और जैन धर्म दोनों में पाए जाने वाले प्राचीन भारतीय साहित्य की एक शैली है। पुराण विश्वकोश हैं, जो विभिन्न विषयों को समाहित करते हैं, जैसे कि ब्रह्मांड विज्ञान, ब्रह्मांड विज्ञान, लोक कथाएँ, तीर्थयात्राएँ, मंदिर, चिकित्सा, खगोल विज्ञान, व्याकरण, खनिज, हास्य, प्रेम कथाएँ, धर्मशास्त्र और दर्शन और साथ ही साथ देवी, देवताओं, राजाओं, नायकों के वंशावली। , ऋषि और मुनि। Purans 18 Purans
पुराण(puran in hindi) सनातन धर्म (हिन्दू धर्म )के बहुत ही महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग हैं। पुराण, शाब्दिक रूप से '' प्राचीन '' लेखन, हिंदू परंपरा के लिए शास्त्र के एक भाग के रूप में कार्य करते हैं। इन ग्रंथों को चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर ग्यारहवीं शताब्दी तक के लंबे समय तक लिखा गया था और इन्हें हिंदू ऋषि के रूप में जाना जाता है, जिन्हें प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत लिखने का श्रेय भी दिया जाता है। पुराण बड़े जीवन के सवालों के जवाब देते हैं कि कैसे दुनिया बनाई गई और किसने इसे बनाया। इसके दो प्रमुख घटक हैं। पहले मिथक हैं, जो पिछली घटनाओं के बारे में पारंपरिक कहानियां हैं, जिनमें आमतौर पर देवी-देवताओं को शामिल किया जाता है। दूसरा घटक, जो मिथकों के साथ हाथ में जाता है, वंशावली या पूर्वजों और वंशजों की सूची है। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
परंपरागत रूप से 18 पुराण हैं, लेकिन 18 की कई अलग-अलग सूचियां हैं, साथ ही 18 से अधिक या कुछ की कुछ सूचियां हैं। सबसे पुराने पुराण, जो संभवतः 350 और 750 ईस्वी के बीच रचे गए हैं, वे हैं ब्रह्मानंद, देवी, कुर्मा, मार्कंडेय, मत्स्य, वामन, वराह, वायु और विष्णु। अंत में, सबसे हाल ही में, 1000 और 1500 के बीच रचित कालिका, कल्कि, महाभगत, नारदिया और सौरा हैं। Purans
विभिन्न पुराणों में निहित योग के बारे में जानकारी का खजाना है। "भागवत पुराण" भक्ति योग अभ्यास पर पाठक को निर्देश देता है, जबकि अन्य ग्रंथ अन्य प्रकार के योग और आध्यात्मिक अभ्यास की विभिन्न शाखाओं को कवर करते हैं। puran in hindi
पुराणों Purans में मिथक और वंशावली शामिल हैं, जो एक धार्मिक कविता, कर्तव्यों और विकास के इतिहास और महत्व को समझाने के लिए एक महाकाव्य कविता की तरह बहने वाले रूप में लिखे गए हैं। पुराणों में '' पाँच संकेत '' या चिह्न हैं जो सभी प्रमुख पुराणों के मिलने के मानक हैं। सबसे पहले, ब्रह्मांड के निर्माण का एक चित्रण है। ये आपकी पारंपरिक कहानियाँ हैं कि दुनिया कैसे बनी, किसने बनाई और क्यों बनाई गई। हिंदू परंपरा में, बुराई की ताकतें अक्सर अराजकता और विनाश का कारण बनती हैं, इसलिए दूसरा संकेत ब्रह्मांड के बार-बार उत्पन्न होने के बाद है।
तीसरा संकेत, शायद, सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है: यह देवी और देवी और उनकी वंशावली के किस्से हैं, जैसे कि उनके माता-पिता और बच्चे कौन हैं। चौथा संकेत पहले मनुष्यों और उनके सांसारिक शासनकाल से संबंधित है। पुराणों Purans का पाँचवाँ और अंतिम चिन्ह सौर और चंद्र राजवंश हैं। अनिवार्य रूप से, दो प्राणियों ने दावा किया कि एक सूर्य से और एक चंद्रमा से उतरा था, और यह संकेत उन राजवंशों के बारे में बताता है। अब हमें इस बात का अंदाजा है कि पुराण क्या हैं, आइए कुछ उदाहरणों पर गौर करें। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
पुराणों का उद्देश्य लोगों को देवताओं के करीब लाना था। पुराण ग्रंथों के सभी संप्रदाय हैं, कुछ देवताओं को समर्पित हैं - कुछ देवताओं को, कुछ देवी-देवताओं को। पुराणों ने आम लोगों को प्राचीन वैदिक ग्रंथों की आवश्यक शिक्षाओं और जटिल योगिक दर्शन को समझने और समझने की सुविधा प्रदान की। puran in hindi
पुराण Purans भक्ति योग परंपरा में सबसे प्रतिष्ठित और प्रासंगिक ग्रंथ हैं, जहां योग के भक्ति पहलू पर जोर दिया गया है। इस भक्ति को मनोरंजक मिथकों और कहानियों में चुने हुए देवताओं के पालन के माध्यम से खेती की जाती है। purans in hindi
Purans पुराण
- ब्रह्म पुराण Purans
- पद्म पुराण Purans
- विष्णु पुराण Purans
- शिव पुराण Purans
- भागवत पुराण Purans
- नारद पुराण Purans
- मार्कण्डेय पुराण Purans
- अग्नि पुराण Purans
- भविष्य पुराण Purans
- ब्रह्मवैवर्त पुराण Purans
- लिंग पुराण Purans
- वाराह पुराण Purans
- स्कन्द पुराण Purans
- वामन पुराण Purans
- कूर्म पुराण Purans
- मत्स्य पुराण Purans
- गरुड पुराण Purans
- ब्रह्माण्ड पुराण Purans
ब्रह्म पुराण(brahm puran in hindi)
ब्रह्म पुराण(purans in hindi) को सभी पुराणों मैं पहला स्थान प्राप्त हैं। इसका कारण यह है की ब्रह्म पुराण मैं सृष्टि के जन्म, जल के अस्तित्व और वायु के महत्व के बारे मैं बहुत सुन्दर तरीके से वर्णित किया गया है। इसमें सूर्य देव और चंद्र देव के वंशजों का वर्णन मिलता हैं। इसमें पुरुष वंश के वर्णन से मानव विकास को बताया गया है। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
पद्म पुराण(padma puran in hindi)
पद्म पुराण(purans in hindi) को सभी पुराणों मैं दूसरा स्थान प्राप्त है। इसे ऋषि वेदव्यास द्वारा लिखे गए सभी 18 पुराणों मैं दूसरा स्थान प्राप्त है। पद्म पुराण मैं विष्णु जी की कई महिमाओं, कथा कहानियों का वर्णन मिलता है। इसमें विष्णु जी के दोनों अवतारों श्री कृष्णा और मर्यादा परुषोत्तम श्री राम चंद्र जी का भी वर्णन मिलता है। इसमें तुलसी की महिमा और व्रत त्योहारों का बहुत ही सुन्दर वर्णन मिलता है। पद्म पुराण को 6 खण्डों मैं बांटा गया है। purans in hindi
- सृष्टि खंड
- भूमि खंड
- स्वर्ग खंड
- ब्रह्म खंड
- पाताल खंड
- उत्तर खंड
जैसा की नाम से पता चल जाता है की पद्म पुराण मैं सृष्टि के रचियेता यानि ब्रह्मा जी द्वारा विष्णु जी के जन्म और विष्णु जी को दिए गए दायित्वा को बताया गया है। और विष्णु जी द्वारा भूमि की सनरचना, स्वर्ग की संरचना, ब्रह्माण्ड की संरचना, पाताल की संरचना, और उत्तर की रचना करके उसे संभालने का दायित्वा दिया गया है। puran in hindi
विष्णु पुराण(vishnu puran in hindi)
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विष्णु पिरान(purans in hindi)मैं भगवान् विष्णु के बारे मैं बताया गया है और इसमें विष्णु अवतार श्री कृष्णा के चरित्र का सम्पूर्ण विवरण मिलता है। इसमें भगवान् श्री कृष्णा और शिव जी के सम्बंद को बहुत सुंदरता से दर्शाया गया है। विष्णु पुराण मैं श्री राम के चरित्र का भी विवरण है परन्तु श्री कृष्णा के जीवन के बारे मैं और उनकी कथाओं का अच्छे से विवरण दिया गया है। purans in hindi
शिव पुराण मैं ज्योतिष, कर्मा काण्ड, भौगोलिक संरचनाओं का भी विवरण मिलता है। इसमें सूर्य, चन्द्रमा, आकाश, धरती के उत्पत्ति कथाओं का भी विवरण बहुत सुंदरता पूर्वक किया गया है। इसमें राजा, ऋषि और डिवॉन की उत्पत्ति और उनकी जीवन गाथाओं के बारे मैं भी पूरी जानकारी मिलती है। इसमें विष्णु लक्ष्मी जी और चौदह विद्याओं का विवरण जैसे वैवस्वत मनु, इक्ष्वाकु, कश्यप, पुरुवंश, कुरुवंश, यदुवंश के वर्णन, कल्पान्त के महाप्रलय का वर्णन आदि विषयों का विस्तृत विवेचन किया गया है। भक्ति और ज्ञान की प्रशान्त धारा तो इसमें सर्वत्र ही प्रच्छन्न रूप से बह रही है। purans in hindi
यद्यपि यह पुराण विष्णुपरक है तो भी भगवान शंकर के लिये इसमे कहीं भी अनुदार भाव प्रकट नहीं किया गया। सम्पूर्ण ग्रन्थ में शिवजी का प्रसंग सम्भवतः श्रीकृ्ष्ण-बाणासुर-संग्राम में ही आता है, सो वहाँ स्वयं भगवान कृष्ण महादेवजी के साथ अपनी अभिन्नता प्रकट करते हुए श्रीमुखसे कहते हैं-
“त्वया यदभयं दत्तं तद्दत्तमखिलं मया। मत्तोऽविभिन्नमात्मानं द्रुष्टुमर्हसि शंकर।योऽहं स त्वं जगच्चेदं सदेवासुरमानुषम्। मत्तो नान्यदशेषं यत्तत्त्वं ज्ञातुमिहार्हसि। अविद्यामोहितात्मानः पुरुषा भिन्नदर्शिनः। वन्दति भेदं पश्यन्ति चावयोरन्तरं हर॥„ purans in hindi
शिव पुराण(shiv puran in hindi)
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शिव पुराण(purans in hindi) को सभी पुराणों मैं एक विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें केवल सही जी के बारे मैं ही बताया गया है। इसमें बताया गया है की पांचों डिवॉन मैं शिव जी को श्रेष्ठ बताया गया है। उन्हें संसार की आधी शक्ति यानी सर्वोत्तम शक्ति बताकर इस संसार के सभी जीव जंतु का लालन पालन करने वाला बताया गया है। इसमें बताया गया है की शिव जी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव है और वे किसी एक के नहीं हैं वे सबके हैं। वे मनुष्य राक्षस और पशु सभी का ध्यान रखते हैं। purans in hindi
इसमें शिव जी के चरित्र और उनके रूप के गुणगान किये गए हैं। शिव पुराण मैं शिव जी के सभी ज्योतिर्लिंग और उनके तीर्थ स्थलों के बारे मैं बताया गया है। इसमें शिव जी के विवाह और उनके परिवार का वर्णन किया गया है। शिव पुराण’ का सम्बन्ध शैव मत से है। इस पुराण में प्रमुख रूप से शिव-भक्ति और शिव-महिमा का प्रचार-प्रसार किया गया है। प्राय: सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। कहा गया है कि शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोवांछित फल देने वाले हैं। किन्तु ‘शिव पुराण’ में शिव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके रहन-सहन, विवाह और उनके पुत्रों की उत्पत्ति के विषय में विशेष रूप से बताया गया है।Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
भागवत पुराण(bhagwat puran in hindi)
इस पुराण का संबंध भक्ति, या भक्ति को दर्शाने से है। इस मामले में, भक्ति को विष्णु के लिए निर्देशित किया जाता है, संरक्षक देवता। भागवत पुराण में कृष्ण की कहानी, विष्णु के युवा अवतार, एक बच्चे के रूप में बताई गई है। संभवत: यह पहली बार है जब कृष्ण के लोकप्रिय बचपन के भंडार को संस्कृत की हिंदू भाषा में लिखा गया था। पुराण के लेखक इसके महत्व और इसमें विष्णु / कृष्ण की भूमिका को दर्शाते हैं, लिखते हैं, '' 'भगवान विष्णु इस पुराण में वास करते हैं, वे इसके माध्यम से बोलते हैं।' ''
नारद पुराण(narad puran in hindi)
नारद पुराण(purans in hindi) 18 पुराण मैं से एक है। इसे नारद जी ने स्वयं ही सुनाया है और इसे साक्षात् विष्णु भगवान् की वाणी कहा है। नारदपुराण में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवान की उपासना का विस्तृत वर्णन है। यह पुराण इस दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है कि इसमें अठारह पुराणों की अनुक्रमणिका दी गई है। इस पुराण के विषय में कहा जाता है कि इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पापमुक्त हो जाते हैं। पापियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति ब्रह्महत्या का दोषी है, मदिरापान करता है, मांस भक्षण करता है, वेश्यागमन करता हे, तामसिक भोजन खाता है तथा चोरी करता है; वह पापी है। इस पुराण का प्रतिपाद्य विषय विष्णुभक्ति है। (purans in hindi)
मार्कण्डेय पुराण(markandeya puran in hindi)
यह लोकप्रिय पुराण मार्कण्डेय ऋषि ने क्रौष्ठि को सुनाया था। इसमें ऋग्वेद की भांति अग्नि, इन्द्र, सूर्य आदि देवताओं पर विवेचन है और गृहस्थाश्रम, दिनचर्या, नित्यकर्म आदि की चर्चा है। puran in hindi (markandeya puran) भगवती की विस्तृत महिमा का परिचय देने वाले इस पुराण में दुर्गासप्तशती की कथा एवं माहात्म्य, हरिश्चन्द्र की कथा, मदालसा-चरित्र, अत्रि-अनसूया की कथा, दत्तात्रेय-चरित्र आदि अनेक सुन्दर कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसमें इन कथाओं का इस प्रकार वर्णन किया गया है की सुनने वाला बिलकुल मंत्र मुग्ध हो जाता है। इसमें व्यक्ति को सत्य और असत्य का भेद समझाया गया है। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
अग्नि पुराण(agni puran in hindi)
विषय की विविधता एवं लोकोपयोगिता की दृष्टि से इस पुराण का विशेष महत्त्व है। अनेक विद्वानों ने विषयवस्तु के आधार पर इसे ‘भारतीय संस्कृति का विश्वकोश’ कहा है। अग्निपुराण में त्रिदेवों — ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव तथा सूर्य की पूजा-उपासना का वर्णन किया गया है। इसमें परा-अपरा विद्याओं का वर्णन, महाभारत के सभी पर्वों की संक्षिप्त कथा, रामायण की संक्षिप्त कथा, मत्स्य, कूर्म आदि अवतारों की कथाएँ, सृष्टि-वर्णन, दीक्षा-विधि, वास्तु-पूजा, विभिन्न देवताओं के मन्त्र आदि अनेक उपयोगी विषयों का अत्यन्त सुन्दर प्रतिपादन किया गया है।(agni puran) purans in hindi
भविष्य पुराण(bhavishya puran in hindi)
भविष्य पुराण(purans in hindi) मैं उस समय भविष्य की साडी घटनाओं का उल्लेख किआ गया था। इसमें आचरण, उपदेश, तीर्थ, व्रत का उल्लेख मिलता है। इसमें विक्रम और वेताल की कहानियों का भी विवरण मिलता है। इसमें उसी समय आने वाले धर्म और उनके विस्तार की व्याख्यान कर दी गयी थी इसमें राजा हरिश्चंद्र, अलाउद्दीन, तैमूर, बाबर आदि के बारे मैं पूरा उल्लेख मिलता है।
इसमें इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद और ईसाई धर्म के यीशु का भी पूरा वर्णन मिल जाता है। इसमें धर्म के बारे मैं और पुराणों के मुकाबले बहुत अधिक जानकारी दी गयी है। इसमें व्रत और धर्म के रीती रिवाज़ का इतना वर्णन किया गया है जितना की किसी और पुराण मैं नहीं किआ गया है। इसमें सूर्य चन्द्रमा से लेकर भविष्य मैं होने वाले मौसम के बदलाव का भी विवरण दिया गया है। इसमें पुराण के अनुसार तो 50,000 श्लोक होने चाहिए परन्तु आज इसमें केवल 24,000 श्लोक ही हैं। purans in hindi Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
ब्रह्मवैवर्त पुराण(brahmavevart puran in hindi)
ब्रह्मवैवर्त पुराण(purans in hindi) 18 पुराणों मैं सबसे प्राचीन पुराण मानी जाती है। इसमें ब्रह्मा जी द्वारा समस्त सृष्टि की रचना का वर्णन मिलता है। इसमें धरती, जल, और वायु के बनाने से लेकर इनके होने के कारण का पूर्ण विवरण मिलता है। इसमें जल वायु और धरती मैं रहने वाले जीव जंतु के लालन पालन की व्यवस्था का वर्णन मिलता है। purans in hindi
लिंग पुराण(ling puran in hindi)
लिंग शब्द के प्रति आधुनिक समाज में ब़ड़ी भ्रान्ति पाई जाती है। लिंग शब्द का शाब्दिक अर्थ चिन्ह अथवा प्रतीक है — जैसा कि कणाद मुनि कृत वैशेषिक दर्शन ग्रंथ में पाया जाता है। भगवान महेश्वर आदि पुरुष हैं। यह शिवलिंग उन्हीं भगवान शंकर की ज्योतिरूपा चिन्मय शक्ति का चिन्ह है। इसके उद्भव के विषय में सृष्टि के कल्याण के लिए ज्योर्ति लिंग द्वारा प्रकट होकर ब्रह्मा तथा विष्णु जैसों अनादि शक्तियों को भी आश्चर्य में डाल देने वाला घटना का वर्णन, इस पुराण के वर्ण्य विषय का एक प्रधान अंग है। फिर मुक्ति प्रदान करने वाले व्रत-योग शिवार्चन यज्ञ हवनादि का विस्तृत विवेचन प्राप्त है। यह शिव पुराण का पूरक ग्रन्थ है।(ling puran) purans in hindi Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
अट्ठारह पुराणों में भगवान महेश्वर की महान महिमा का बखान करनेवाला लिंग पुराण (puran in hindi) विशिष्ट पुराण कहा गया है। भगवान शिव के ज्योर्ति लिंगों की कथा, ईशान कल्प के वृत्तान्त सर्वविसर्ग आदि दशा लक्षणों सहित वर्णित है। भगवान शिव की महिमा का बखान लिंग पुराण में 11,000 श्लोकों में किया गया है। यह समस्त पुराणों में श्रेष्ठ है। वेदव्यास कृत इस पुराण में पहले योग फिर कल्प के विषय में बताया गया है। purans in hindi
वाराह पुराण(varah puran in hindi)
वाराह पुराण(purans in hindi) में भगवान श्रीहरि के वराह अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें भगवान नारायणका पूजन-विधान, शिव-पार्वती की कथाएँ, वराह क्षेत्रवर्ती आदित्य तीर्थों की महिमा, मोक्षदायिनी नदियों की उत्पत्ति और माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है। (varah puran) purans in hindi
स्कन्द पुराण(skanda puran in hindi)
स्कंद पुराण महापुराणों का एक अन्य ग्रन्थ है। यह 81,000 से अधिक छंदों में सभी पुराणों में सबसे लंबा है - भागवत पुराण यह है कि 20,000 छंदों और 1,500 पृष्ठों का अनुवाद एक अनुवादित मात्रा में आप आज देखेंगे! स्कंद पुराण विभिन्न क्षेत्रों की कहानियों से भरा है, विभिन्न देवताओं की किंवदंतियों - शिव के साथ सबसे आगे विध्वंसक - और धार्मिक उपदेश। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
विभिन्न विषयों के विस्तृत विवेचन की दृष्टि से स्कन्दपुराण(purans in hindi) सबसे बड़ा पुराण है। भगवान स्कन्द के द्वारा कथित होने के कारण इसका नाम ‘स्कन्दपुराण’ है।इसमें लौकिक और पारलौकिक ज्ञानके अनन्त उपदेश भरे हैं। इसमें धर्म, सदाचार, योग, ज्ञान तथा भक्ति के सुन्दर विवेचनके साथ अनेकों साधु-महात्माओं के सुन्दर चरित्र पिरोये गये हैं। आज भी इसमें वर्णित आचारों, पद्धतियोंके दर्शन हिन्दू समाज के घर-घरमें किये जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें भगवान शिव की महिमा, सती-चरित्र, शिव-पार्वती-विवाह, कार्तिकेय-जन्म, तारकासुर-वध आदि का मनोहर वर्णन है। purans in hindi
वामन पुराण(vaaman puran in hindi)
वामन पुराण(purans in hindi) में मुख्यरूप से भगवान विष्णु के दिव्य माहात्म्य का व्याख्यान है। विष्णु के वामन अवतार से संबंधित यह दस हजार श्लोकों का पुराण शिवलिंग पूजा, गणेश -स्कन्द आख्यान, शिवपार्वती विवाह आदि विषयों से परिपूर्ण है। इसमें भगवान वामन, नर-नारायण, भगवती दुर्गा के उत्तम चरित्र के साथ भक्त प्रह्लाद तथा श्रीदामा आदि भक्तों के बड़े रम्य आख्यान हैं। इसके अतिरिक्त, शिवजीका लीला-चरित्र, जीवमूत वाहन-आख्यान, दक्ष-यज्ञ-विध्वंस, हरिका कालरूप, कामदेव-दहन, अंधक-वध, लक्ष्मी-चरित्र, प्रेतोपाख्यान, विभिन्न व्रत, स्तोत्र और अन्त में विष्णुभक्ति के उपदेशों के साथ इस पुराणका उपसंहार हुआ है। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
कूर्म पुराण(koorm puran in hindi)
सत्रह श्लोकों का यह पुराण विष्णु जी ने कूर्म अवतार से राजा इन्द्रद्युम्न को दिया था। इसमें विष्णु और शिव की अभिन्नता कही गयी है। पार्वती के आठ सहस्र नाम भी कहे गये हैं। काशी व प्रयाग क्षेत्र का महात्म्य, ईश्वर गीता, व्यास गीता आदि भी इसमें समाविष्ट हैं। यद्यपि कूर्म पुराण एक वैष्णव प्रधान पुराण है, तथापि इसमें शैव तथा शाक्त मत की भी विस्तृत चर्चा की गई है। इस पुराण में पुराणों में पांचों प्रमुख लक्षणों-सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वंतर एवं वंशानुचरित का क्रमबद्ध तथा विस्तृत विवेचन किया गया है।(koorm puran) purans in hindi
Purans in hindi:- ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण
मत्स्य पुराण(matsya puran in hindi)
चौदह हजार श्लोकों वाला यह पुराण भी एक प्राचीन ग्रंथ है।मत्स्य पुराण(purans in hindi) में भगवान श्रीहरि के मत्स्य अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें जल प्रलय, मत्स्य व मनु के संवाद, राजधर्म, तीर्थयात्रा, दान महात्म्य, प्रयाग महात्म्य, काशी महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है।(matsya puran) purans in hindi
गरुड़ पुराण(garud puran in hindi)
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गरुड़ पुराण(purans in hindi) का 18 पुराणों मैं एक विशेष स्थान प्राप्त है क्यूंकि इसका महत्व मानव की मृत्यु के बाद इसका पाठ करने मैं किया जाता है। इसे भगवान् विष्णु को समर्पित किआ गया है इसमें यह बताया गया है की इंसान के पुरे जीवन के कर्म ही ये तय करते है की उसको मोक्ष की प्राप्ति किस प्रकार से हो सकती है। purans in hindi
इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप तीर्थ आदि शुभ कर्मों में सर्व साधारणको प्रवृत्त करने के लिये अनेक लौकिक और पारलौकिक फलोंका वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें आयुर्वेद, नीतिसार आदि विषयोंके वर्णनके साथ मृत जीव के अन्तिम समय में किये जाने वाले कृत्यों का विस्तार से निरूपण किया गया है। purans in hindi
इसके अतिरिक्त इस पुराण में श्राद्ध-तर्पण, मुक्ति के उपायों तथा जीव की गति का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसमें यह भी बताया गया है की इंसान को उसके कर्मो के अनुसार ही स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है। उसके कर्मों के हिसाब से ही गरुण पुराण मैं उसके लिए सजा भी तय की गयी है। और इस कथा को मनुष्य की मृत्यु के बाद सुनाया जाता है। purans in hindi
ब्रह्माण्ड पुराण(brahmaand puran in hindi)
ब्रह्माण्डपुराण,(purans in hindi) अट्ठारह महापुराणों में से एक है। मध्यकालीन भारतीय साहित्य में इस पुराण को ‘वायवीय पुराण’ या ‘वायवीय ब्रह्माण्ड’ कहा गया है। ब्रह्माण्ड का वर्णन करने वाले वायु ने व्यास जी को दिये हुए इस बारह हजार श्लोकों के पुराण में विश्व का पौराणिक भूगोल, विश्व खगोल, अध्यात्मरामायण आदि विषय हैं। Astro Motive Astrology by Astrologer Dr. C K Singh
सभी पुराण Purans दृढ़ता से संप्रदायवादी हैं - कुछ शिव को समर्पित हैं, कुछ विष्णु को, और कुछ देवी को। लेकिन यहां तक कि आधिकारिक तौर पर एक विशेष भगवान के लिए समर्पित लोग अक्सर अन्य देवताओं पर काफी ध्यान देते हैं। अब तक का सबसे लोकप्रिय पुराण भागवत-पुराण है, जिसमें कृष्ण के बचपन और प्रारंभिक जीवन के बारे में बताया गया है। 18 "कम" पुराण, या उप-पुराण भी हैं, जो समान सामग्री का इलाज करते हैं, और बड़ी संख्या में स्टेला-पुराण ("स्थानीय पुराण") या महात्म्य ("आवर्धन"), जो पवित्र मंदिरों या पवित्र स्थानों का स्मरण करते हैं और उनका पाठ किया जाता है उन मंदिरों में सेवाओं में। purans in hindi
Purans in hindi :- ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण
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